जम्मू –कश्मीर ऐसे मसला है जिसका राग समय –समय पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अलापते रहतें हैं,दुनिया के सामने ये झूठ बार-बार परोसते हैं कि जम्मू –कश्मीर में भारत की सेना वहां की आवाम पर जुल्म करती है,लेकिन स्थिति इसके ठीक विपरीत है,सच्चाई यह है कि पाक सरकार अपने अधिकृत कश्मीर के नागरिकों पर अत्याचार करती है,पाकिस्तान के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को बंदूख की सहायता से दबाने का प्रयास करती है,दरअसल बुधवार को गुलाम कश्मीर के मुजफ्फराबाद में बेरोजगारी और गरीबी के विरोध में सैकड़ो युवा सड़क पर उतर आये,युवाओं का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार स्थानीय नौकरियों में भी पाकिस्तान के युवकों को तरजीह देती है.ऐसे में इनके पास अपने जीविका का कोई साधन नहीं है.वहां के ज्यादातर युवा बेरोजगार हैं. जाहिर है कि स्थानीय नौकरियों में भी पाक सरकार इनका हक नही देती.इस भेदभाव से तंग आकर कश्मीर नेशनल स्टूडेंट्स फेडरेशन और जम्मू कश्मीर नेशनल आवामी पार्टी के नेतृत्व में युवाओं ने जमकर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ नारे लगायें.उनमे से कुछ नारे इसप्रकार से थे -हम कश्मीर बचाने निकलें हैं आओं हमारे साथ चलो, पाकिस्तान मुर्दाबाद ये ऐसे नारें है जो अपने आप में ये बयाँ कर रहें है कि गुलाम कश्मीर के लोग कितने मुस्किल से रहतें है.इन नारों से बौखलाई पाकिस्तानी पुलिस ने छात्रों पर जमकर लाठियां बरसाई और उन्हें हिरासत में ले लिया.ये पहली बार नही है जब गुलाम कश्मीर के लोग पाक सरकार के विरोध में सड़क पर उतरे हैं,पिछले साल ओक्टुबर माह में भी गुलाम कश्मीर के लोग पाकिस्तान से आज़ादी के लिए सड़को पर उतरे थे.गौरतलब है कि वहां के लोग पाकिस्तान सरकार के नीतियों से खुश नहीं है.वहां की आम जनता पाकिस्तान सरकार के दोहरे रवैये और सेना की बर्बरता से तंग आ चुकी है.दरअसल एक और आबादी पाकिस्तान से मुक्ति चाहती है,जो उसके दमन और उत्पीड़न से तंग आ गई है.गुलाम कश्मीर की स्थिति कितनी दर्दनाक है इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोग न केवल सरकार के विरुद्ध में नारें लगा रहें है बल्कि गुलाम कश्मीर में लोग चीख –चीख कर भारत में शामिल होने की मांग कर रहें है.ये लोग पाक गुलामी से आज़ादी चाहतें है,लेकिन वहां की सेना ने इनका जीना मुहाल कर रखा है.दुनिया के सामने पाकिस्तान कश्मीर के लिए घड़ियाली आंसू बहाता है,लेकिन अब पाक अधिकृत कश्मीर का सच विश्व के सामने आने लगा है.बहरहाल,सवाल ये उठता है कि पाकिस्तान, भारत अधिकृत कश्मीर की मांग करता है,लेकिन जो उसके अधिकार में है वहां ऐसे हालात क्यों ? वहां के युवाओं के साथ ये भेदभाव क्यों ? सवाल की तह में जाएं तो कई बातें सामने आतीं है,पहली बात पाकिस्तान इन लोगो के साथ हमेशा गुलामों की तरह बर्ताव करता रहा है तथा राजनीतिक वस्तु की तरह इस्तेमाल कर रहा है.नतीजन वहां रत्ती भर विकास नहीं हुआ है.अब लोग इससे त्रस्त आ चुके है.पाकिस्तानी सेना इनकी हर आवाज को दबाने की नाकाम कोशिश करती हैं,लेकिन पाकिस्तान का स्याह सच अब दुनिया के सामने है कि कैसे पाक सरकार वहां की जनता के साथ सौतेला व्यवहार करती है,बात यहीं समाप्त नहीं होती है पाक अधिकृत में कश्मीर में पाकिस्तानी हुकुमत सभी लोकतांत्रिक मूल्यों को ताक पर रख कर तानाशाही रवैया अपनाती है,गौरतलब है कि पिछले साल गिलगिट –बालटिस्तान में हुए चुनाव में लोकतंत्र की धज्जियां उडातें हुए पाकिस्तान सरकार ने यहाँ असंवैधानिक रूप से मतदान कराया, यहाँ तक कि महिलाओं को मतदान नहीं करने दिया गया.वहीँ भारत के कश्मीर में लोकतंत्र है,लोगो को अपने पसंद के प्रत्यासी को वोट देने की पूरी स्वंत्रता रहती है.लोगो को धार्मिक ,समाजिक हर प्रकार की स्वत्रंता हमारे संविधान ने दे रखीं है,हमारें यहाँ सिस्टम है,नियम है,सरकार की नीतियाँ है जो भारतीय कश्मीर के विकास के लिए समर्पित है.आज हमारे कश्मीर में सरकार निवेश करती है, अच्छे –अच्छे संस्थान है. शिक्षा ,पर्यटन,रोजगार आदि के क्षेत्रों में हमारा कश्मीर विकास की ओर अग्रसर है.युवाओं को अच्छी शिक्षा मिले इसके प्रबंध हैं,हमारी सरकार कभी जम्मू-कश्मीर के युवाओं के साथ भेदभाव नही करती,यही सब बातें है जो पाक कश्मीर के लोगों को लुभा रहीं हैं.वहीँ दूसरी तरफ पीओके की हालत दयनीय है.इस घटना के बाद स्पष्ट हो चला है कि इस्लामाबाद में रहने वालें अधिकारी इन्हें उपेक्षित नजरों से देखते है,सरकार इनकी हर मांग को दरकिनार कर देती है.बहरहाल ,दूसरी बात पर गौर करें तो पाक अधिकृत कश्मीर में भारी तादाद में शिया मुसलमान रहतें है,जो बाकी पाकिस्तान में शिया मस्जिदों पर लगातार हो रहें हमलों से डरे हुए है,खेती –बाड़ी, पर्यटन,औधोगिक विकास आदि में मसले में पाक अधिकृत कश्मीर शुरु से ही पिछड़ा रहा है.आज़ादी के बाद से ही पीओके पाकिस्तान का सबसे गरीब और उपेक्षित हिस्सा रहा है,सरकारें बदली,सत्ताधीश बदलें लेकिन किसी ने भी इनकी समस्याओं को दूर करना ,इस क्षेत्र का विकास करना वाजिब नहीं समझा.वहीँ हमारें कश्मीर के विकास में सभी सरकारों ने महती भूमिका निभाई है.हमारी सरकार ने श्रीनगर से रेलवे की सुविधा वहां के नागरिकों के लिए शुरु कर दी है ,तो वहीँ पाक अधिकृत कश्मीर में लोग सड़कों के लिए तरस रहें.इन्ही सब कारणों से तंग आकर आज ये स्थिति पैदा हो गई कि,वहां के लोग बार –बार आज़ादी की मांग करने लगे है .इन लोगो पर पाकिस्तान सरकार और सेना बेरहमी से पेश आ रही है,फिर भी ये आज़ादी का नाराबुलंद किये हुए है.सम्भवतः यह दूसरी बड़ी घटना है जब पाकिस्तान में पाकिस्तान विरोधी नारें लगे है,वो भी भारत के पक्ष में, भारत को चाहिए कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की जो खबरें है तथा वहां के आवाम की जो आवाज़ है.उसे एक रणनीति के तहत दुनिया के सामने रखें ताकि पाकिस्तान जो हमेशा भारत पर संघर्ष विराम उलंघन का झूठे आरोप लगाता है तथा कश्मीर पर जनमत संग्रह की बात करता है,उसका ये दोहरा चरित्र दुनिया के सामने आ सकें.इसके साथ ही ये आंदोलन उनके लिए भी सबक है जो, आएं दिन भारत में पाकिस्तान के झंडे लहराते हैं.जम्मू –कश्मीर में तनाव की हालात पैदा करतें है, यहाँ एक और बात स्पष्ट हो जाता है पाक अधिकृत कश्मीर की हालत पाकिस्तानी हुकूमत के नियंत्रण से बाहर है.अत: इससे यही प्रतीत होता है कि इसको स्वतंत्र किये जाने की मांग जो भारत करता रहा है,वो जायज है.इस पर विश्व समुदाय एवं संयुक्त राष्ट्र को भी गंभीरता से विचार करना होगा.भारत सरकार को चाहिएं कि संयुक्त राष्ट्र का ध्यान पाक अधिकृत कश्मीर की तरफ आकृष्ट करें.जिससे नवाज शरीफ का कश्मीर के प्रति जो ढोंग है,उसे दुनिया देख सकें.इस दुसरे मामले के प्रकाश में आने के बाद भारत अधिकृत कश्मीर पर बात करने के लिए अब पाकिस्तान अपना नैतिक बल भी गावां चुका है.
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