सिर्फ हंगामा खड़ा करना मकसद ?
यह देश का दुर्भाग्य है कि संसद हंगामे का सबसे उपयुक्त अड्डा बन गया है. यह बात हैरान करती है कि सत्र की शुरुआत होने से पहले सभी पार्टियों की एक औपचारिक बैठक होती है, जिसमें यह भाव निकलकर आता है कि संभवतः इसबार का सत्र पहले की अपेक्षा अधिक कामकाजी हो, स्वाभविक है कि …