इस हिंसक विरोध प्रदर्शन का आधार क्या है ?

जब कोई कहे ‘कौआ कान ले गया’ तो बुद्दिमानी यही है कि व्यक्ति अपना कान चेक करे, लेकिन नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वाले कान चेक करने की बजाय कौए के पीछे भागते नजर आ रहे हैं. गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में पहले ही स्पष्ट …

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वैचारिक प्रतिबद्धताओं को अमल में लाती मोदी सरकार

नरेंद्र मोदी सरकार के दुसरे कार्यकाल में संसद किसी एक व्यक्ति पर केन्द्रित रही है, तो वह गृह मंत्री अमित शाह हैं. एनआईए संशोधन बिल से लेकर अनुच्छेद 370 हटाने तक का ऐतिहासिक निर्णय हो, गृहमंत्री ने अपने भाषण और अपनी कार्यशैली से अपने आलोचकों को भी प्रभावित किया है. संसद के शीत सत्र खत्म …

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छात्रसंघ चुनाव : गैर जरूरी मुद्दों का बढ़ता वर्चस्व

दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में इसबार भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को भव्य विजय प्राप्त हुई है। इस चुनाव में चार पदों में से तीन पदों पर एबीवीपी ने विजय प्राप्त की है। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव का पद परिषद के खाते में गया, तो कांग्रेस से जुड़े छात्र संगठन एनएसयूआई को महज …

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दक्षिण भारत में भाजपा की रणनीति !

लोकसभा चुनाव राजनीतिक दलों के लिए एक युद्ध की तरह होता है. इसमें तमाम प्रकार की रणनीतियां सफल अथवा विफल होती है. प्राय: जिस राजनीतिक दल को जनादेश प्राप्त होता है, उस दल के कार्यकर्ताओं में विजय के उपरांत जीत के जश्न में आलस्य का भाव आ जाता है और यहीं से संगठन आंतरिक ढंग …

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अमेठी में राहुल गाँधी की मुश्किलें

लोकसभा चुनाव की तारीखें जैसे –जैसे करीब आ रहीं हैं, राजनीतिक दल एक-एक कर अपना पत्ता खोल रहे हैं. कुछ दिनों से ऐसी अटकलें लगाई जा रहीं थी कि गाँधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी में राहुल गाँधी की बढ़ती मुश्किलों के मद्देनजर कांग्रेस उन्हें दो जगह से चुनाव लड़ा सकती है. रविवार …

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लोककल्याण के कार्य बनाम नकरात्मक राजनीति

   लोकसभा चुनाव की शुरुआत हो चुकी है, सभी राजनीतिक दल अपने –अपने ढ़ंग से अपनी पार्टी का प्रचार कर जनता का समर्थन पाने की कवायद में जुटे हुए हैं. किन्तु इस महान लोकतांत्रिक देश में मतदाता अब सभी राजनीतिक दलों के प्रत्यासियों को अपनी अपेक्षाओं की कसौटी पर कसने लगे हैं. उनके मुद्दों ,कार्यों …

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बंगाल में बीजेपी की रथयात्रा के मायने

लोकसभा चुनाव में अब कम समय शेष रह गया है. ऐसे में देश का राजनीतिक मिजाज़ धीरे–धीरे उफ़ान पर आ रहा है,लेकिन बंगाल का सियासी पारा अपने पूरे उफ़ान पर है. गौरतलब है कि दिसंबर महीने के पहले सप्ताह से दूसरे सप्ताह के बीच बीजेपी बंगाल के तीन स्थानों से रथ यात्रा निकालने की योजना …

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राफेल पर अड़ियल वाली राजनीति

राफेल सौदे पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आ जाने के बाद से ऐसा माना जा रहा था कि विपक्ष को अब अपनी गलती का एहसास हो जाएगा और वह इस भ्रम को फ़ैलाने के लिए माफ़ी भले न मांगे, लेकिन कम से कम अब राफेल घोटाले का भूत कांग्रेस मुखिया के सर से जरूर उतर जाएगा। किन्तु …

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अधूरा न्याय लेकिन जगी उम्मीद

1984 के सिख नरसंहार के इंसाफ की कड़ी में 17 दिसंबर का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जायेगा.सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने गत दिनों सिख दंगे मामले में सुनवाई करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दोषी बताते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई है. गौरतलब है कि इंदिरा गांधी की हत्या …

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जनकल्याण के प्रयासों का सम्मान

      जब किसी देश के मुखिया को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मान से नवाज़ा जाता है तो, यह उस देश के लिए हर्ष का विषय होता है. गौरतलब है कि गत दिनों ‘सियोल शांति पुरस्कार 2018’ के लिए नरेंद्र मोदी को चुना गया है. यह सम्मान नरेंद्र मोदी को वैश्विक आर्थिक प्रगति, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और भारत …

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